भारतीय उद्यमियों के लिए चीन में नए अवसर: ‘चाइना चलो’ कार्यक्रम सफल

भारत और चीन के उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों ने प्रतिष्ठित “चाइना चलो” बिज़नेस प्रोग्राम में भाग लेकर यह स्पष्ट संदेश दिया कि आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्यापार की कोई सीमा नहीं होती। कार्यक्रम में भारत की ओर से गृह मंत्रालय द्वारा नामित सदस्य एवं आयात-निर्यात मामलों के अनुभवी सलाहकार सीए मुकुल गर्ग की सहभागिता विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, जिन्होंने 70 से अधिक सदस्यों वाले भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ भाग लिया। इस प्रतिनिधिमंडल में उद्यमी, व्यापारी, निर्माता और विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर शामिल थे, जिन्होंने भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार, सोर्सिंग व्यवस्था और औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। चीनी पक्ष से कपड़ा निर्माण उद्योग की जानी-मानी विशेषज्ञ सुश्री ट्रेसी सहित कई प्रमुख उद्योग विशेषज्ञों की सक्रिय भागीदारी रही, जिससे सीधे फैक्ट्री सहयोग, तकनीकी साझेदारी और दीर्घकालिक सोर्सिंग अवसरों के नए मार्ग खुले। सीए मुकुल गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि पारदर्शिता, अनुपालन और आपसी विश्वास के साथ किया गया व्यापार दोनों देशों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजन कर सकता है। कार्यक्रम ने भारतीय प्रतिभागियों को कस्टमाइज़्ड मैन्युफैक्चरिंग, प्राइवेट-लेबल अवसरों, नियामकीय ढांचे और लॉजिस्टिक्स की समझ प्रदान की। श्री उमेश अग्रवाल द्वारा परिकल्पित “चाइना चलो” पहल भारत और चीन के बीच व्यापारिक सेतु के रूप में उभरकर वैश्विक व्यापार एकीकरण की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुई।

“चाइना चलो” बिज़नेस प्रोग्राम भारत-चीन व्यापारिक संबंधों को नई गति देने वाली एक प्रभावशाली पहल के रूप में सामने आया, जिसमें दोनों देशों के उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में गृह मंत्रालय द्वारा नामित सदस्य और आयात-निर्यात एवं कानूनी सलाह के विशेषज्ञ सीए मुकुल गर्ग ने 70+ भारतीय उद्यमियों, व्यापारियों और निर्माताओं के साथ भाग लेकर द्विपक्षीय व्यापार, सप्लाई-चेन और औद्योगिक साझेदारी पर सार्थक संवाद किया। चीनी पक्ष से सुश्री ट्रेसी सहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग विशेषज्ञों ने फैक्ट्री-टू-बिज़नेस सहयोग, तकनीक साझा करने और दीर्घकालिक सोर्सिंग पर व्यावहारिक जानकारी दी। सीए मुकुल गर्ग ने कहा कि डिजिटल ट्रेड सुविधा, सरल अनुपालन ढांचा और पेशेवर मार्गदर्शन आज सीमा-पार व्यापार को कहीं अधिक सहज बना रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय प्रतिभागियों को निजी-लेबल उत्पादन, कस्टम मैन्युफैक्चरिंग और वैश्विक विस्तार के लिए आवश्यक आत्मविश्वास मिला। श्री उमेश अग्रवाल द्वारा नेतृत्व की गई यह पहल दोनों देशों के लिए सतत और विश्वास-आधारित व्यापार सहयोग का मजबूत मंच बनकर उभरी।

भारतीय MSME और उद्यमियों के लिए “चाइना चलो” कार्यक्रम वैश्विक अवसरों की नई खिड़की बनकर सामने आया, जहाँ भारत और चीन के उद्योग विशेषज्ञ एक मंच पर जुड़े। कार्यक्रम में गृह मंत्रालय द्वारा नामित सदस्य सीए मुकुल गर्ग ने 70 से अधिक भारतीय व्यापार प्रतिनिधियों के साथ भाग लेते हुए आयात-निर्यात, अनुपालन और औद्योगिक सहयोग के व्यावहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। चीनी उद्योग विशेषज्ञों, विशेष रूप से कपड़ा निर्माण क्षेत्र की विशेषज्ञ सुश्री ट्रेसी के साथ संवाद से सीधे फैक्ट्री सहयोग और दीर्घकालिक उत्पादन साझेदारी के रास्ते खुले। सीए मुकुल गर्ग ने कहा कि आज सही सलाह, पारदर्शिता और भरोसे के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अपार संभावनाएँ हैं। कार्यक्रम ने भारतीय उद्यमियों को मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और नियामकीय ढांचे की गहरी समझ प्रदान की। श्री उमेश अग्रवाल की परिकल्पना पर आधारित यह पहल भारत-चीन व्यापार सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुई।

“चाइना चलो” बिज़नेस प्रोग्राम ने यह दर्शाया कि संरचित संवाद और पेशेवर नेतृत्व के माध्यम से सीमा-पार व्यापार को सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सकता है। कार्यक्रम में गृह मंत्रालय द्वारा नामित सदस्य सीए मुकुल गर्ग ने 70+ भारतीय उद्यमियों के साथ भाग लेते हुए अनुपालन, पारदर्शिता और डिजिटल ट्रेड सुविधाओं की भूमिका पर बल दिया। चीनी उद्योग विशेषज्ञों और सुश्री ट्रेसी की सहभागिता से तकनीकी सहयोग और फैक्ट्री-लेवल साझेदारी के अवसर सामने आए। सीए मुकुल गर्ग के अनुसार, विश्वास-आधारित व्यापार मॉडल भारत-चीन संबंधों को दीर्घकालिक मजबूती प्रदान कर सकते हैं। श्री उमेश अग्रवाल द्वारा संचालित यह पहल नीति, उद्योग और व्यापार के बीच संतुलित सेतु के रूप में उभरी।

व्यापार की कोई सीमा नहीं—इस संदेश को सशक्त रूप से सामने लाते हुए “चाइना चलो” कार्यक्रम में भारत और चीन के उद्योग जगत के नेता एक मंच पर दिखाई दिए। गृह मंत्रालय द्वारा नामित सदस्य सीए मुकुल गर्ग ने 70+ सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कार्यक्रम में भाग लेकर द्विपक्षीय व्यापार, मैन्युफैक्चरिंग और औद्योगिक सहयोग पर गहन चर्चा की। चीनी विशेषज्ञ सुश्री ट्रेसी सहित कई उद्योग नेताओं से संवाद ने फैक्ट्री सहयोग और दीर्घकालिक साझेदारी के नए द्वार खोले। सीए मुकुल गर्ग ने कहा कि पारदर्शिता और अनुपालन के साथ किया गया व्यापार दोनों देशों के लिए लाभकारी है। श्री उमेश अग्रवाल द्वारा शुरू की गई यह पहल वैश्विक व्यापार एकीकरण की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हुई।

Similar Articles

Most Popular